सुरेन्द्रजी के facebook पेज पर दी गयी मेरी ये टिप्पड़ी
विमल सीरीज का नया उपन्यास " सदा नगारा कूच का " अभी अभी पढ़ा | उपन्यास काफी रोचक था परन्तु इसमें आपकी लेखनी का अग्र प्रष्टो में न पाया जाना काफी सूना सूना सा लगा | सो आगे से आप इसका ध्यान रखेंगे ऐसी आशा करता हू |
अंत में इतना ज़रूर कहना चाहता हूँ कि विमल सिरीज ...............
न भूतो न भविष्यति |
न पहले कभी हुआ न होगा ||
.............................आपके ही शब्दों में |
आपकी लेखनी यू ही चलती रहे | अविरत लगातार बेशुमार || बधाई
अंत में इतना ज़रूर कहना चाहता हूँ कि विमल सिरीज ...............
न भूतो न भविष्यति |
न पहले कभी हुआ न होगा ||
.............................आ
आपकी लेखनी यू ही चलती रहे | अविरत लगातार बेशुमार || बधाई
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